हवा से वायरस का फैलना अब रोका जा सकेगा

हवा से वायरस का फैलना अब रोका जा सकेगा

हवा से फैलने वाले खतरनाक वायरस को खत्म करने की दिशा में उम्मीद की नई किरण दिखी है। वैज्ञानिकों ने कोल्ड प्लाज्मा की मदद से हवा में फैले वायरस को निष्‍क्रिय करने में सफलता हासिल की है। ऊर्जा से भरपूर और आवेशित हवा के अणुओं को कोल्ड प्लाज्मा कहा जाता है। इस तरह के नॉन थर्मल प्लाज्मा स्पार्क जैसे इलेक्‍ट्रिकल डिस्चार्ज के आसपास बनते हैं।

अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के वैज्ञानिकों का कहना है कि यह तकनीक भविष्य में सर्जिकल मास्क की जगह ले सकती है। प्लाज्मा की यह व्यवस्था हवा से 99.9 फीसद वायरस निष्‍क्रिय कर सकती है। इसकी बड़ी खूबी यह भी है कि वायरस को निष्‍क्रिय करने का यह काम कुछ सेकेंड के भीतर ही हो जाता है।

अस्पतालों व ऐसी जगहों पर जहां साफ हवा की जरूरत होती है, वहां यह तकनीक बेहद कारगर साबित होगी। रिसर्च एसोसिएट हेरेक क्लैक ने कहा, 'बीमारियों के फैलने का एक बड़ा माध्यम हवा है। इससे बचना भी मुश्किल होता है, क्योंकि सांस लेते समय वायरस से बचने का हमारे पास कोई तरीका नहीं होता।'

बचाव के तौर पर लोग मास्क लगाते हैं, लेकिन उसका प्रभाव सीमित होता है। मास्क केवल वायरस को फिल्टर करके शरीर में आने से रोकता है, उन्हें खत्म या निष्‍क्रिय नहीं करता।

क्लैक ने बताया कि प्लाज्मा की इस व्यवस्था से गुजरते हुए रेडिकल कहे जाने वाले अस्थिर परमाणु वायरस को ऑक्सीडाइज्ड कर देते हैं। इसके बाद जो वायरस बचता है, उसमें कोशिकाओं को प्रभावित करने की शक्ति नहीं रह जाती।

अभी हवा से वायरस खत्म करने के लिए फिल्टर और अल्ट्रावॉयलेट किरणों का प्रयोग किया जाता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि नॉनथर्मल प्लाज्मा से हवा को साफ करने का नया तरीका पारंपरिक तरीकों से ज्यादा कारगर साबित हो सकता है।

(दैनिक जागरण से साभार)

 

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।